RAIPUR. छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है। दरअसल, प्रदेश में फेमा एक्ट के तहत केस दर्ज करने के बाद विदेशों से लेनदेन करने वाले हैंडलर को गिरफ्तार करने की तैयारी है। इस बीच, दुर्ग पुलिस ने अब तक 18 कार्पाेरेट अकाउंट को फ्रीज कर दिया हैं। इसकी पूरी जानकारी ईडी को सौंपी गई है। ईडी ने सुपेला थाना प्रभारी को पत्र लिखकर महादेव एप के मामले में अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है, जिसमें एफआईआर, चार्जशीट और जिस बैंक के कार्पाेरेट अकाउंट में लेनदेन हुआ है, उसके दस्तावेज मंगाए गए हैं। इसके आधार पर भी जांच होगी।
केस में 18 कार्पाेरेट अकाउंट की डिटेल
सुपेला थाना समेत अन्य थानों में दर्ज प्रकरण में 18 कार्पाेरेट अकाउंट का जिक्र हैं, जिसे पुलिस ने जब्त किया है। तीन दिन पहले आरोपी मो. नसमुद्दीन को पुलिस ने पकड़ा था। उसके पास से 15 कार्पाेरेट अकाउंट मिले। इसमें करोड़ों का लेनदेन किया गया है। अब कार्पाेरेट अकाउंट से जुड़े लोगों की धरपकड़ करेगी।
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मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने की योजना
ईडी ने एप से जुड़े मुख्य सरगना व उनसे जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने की योजना बनाई है। ईडी को संकेत मिले हैं कि ऑनलाइन गेमिंग से विदेशों में पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन किया गया है। जिन खातों का उपयोग किया गया है। वे शैल कंपनियों की खाते की तरह हैं और आशंका है कि मनी लाड्रिंग से काली कमाई सफेद की जा रही है।
इन पर है ईडी की नजर
पुलिस का दावा है कि ऑनलाइन गेमिंग महादेव एप को दुर्ग जिले के अंतर्गत सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, कपिल चेलानी सहित अन्य कई लोगों ने शुरू किया है। इनके मुख्य सरगना सौरभ और रवि हैं। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग एप रेड्डी अन्ना, नटराज, अंबानी समेत ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले पैनलिस्ट और संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई है, जो कार्पाेरेट अकाउंट को हैंडल करते हैं। उनकी इसके अलावा जिन सफेदपोश ने कार्पाेरेट अकाउंट को उपलब्ध कराया है। उन पर भी ईडी की नजर बनी हुई है।